एक अलसाई सी सुबह मैं बिस्तर से निकल नहीं पा रहा था उसने मुझे मोहपाश में ऐसे बाँध कर रखा था जैसे चुनावों के वक्त नेता जनता को रखते हैं | मै...
रोटी तुम्हें गांव से शहर की ओर ले गई थी अब वही तुम्हें शहरों से गांव की ओर खींच रही है मुल्क के लिए अभी यह मुद्दा है लाख टके का सवाल है...
पाटलिपुत्र में आज सुबह से ही हलचल मची थी,संजय (मीडिया) का आँखों देखा विवरण,धृतराष्ट्र का कौतुहल,भीष्म पितामह की विवशता,शकुनी की कुटिलता,विद...
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